अधरी धरूनि वेणु । वेणु वाजविला कोणी नेणु | Adhari Dharun Venu | Venu Vajavila Koni Nenu
अधरी धरूनि वेणु । वेणु वाजविला कोणी नेणु ॥१॥
प्रात:काळी तो वनमाळी । घेऊन जातो धेनु ॥२॥
उभी मी राहे वाट मी पाहे । केव्हां भेटेल मम कान्हु ॥३॥
एका जनार्दनी वाजविला वेणु । ऎकता मन झाले तल्लिन्नु ॥४॥
Adhari Dharun Venu | Venu Vajavila Koni Nenu ॥१॥ Pratkali to Vanamaali | Ghevun Jato Dhenu ॥2॥ Ubhi mi Rahe Vaat Mi Pahe | Kevha Bhetel Mam Kanhu ॥3॥ Eka Janardani Vajavila Venu | Aikata Man Zale Tallinu ॥4॥
Post a Comment