जननिये जिवलगे येवो पांडुरंगे । शिणलों भेटि दे गे एक वेळां | Jananiye Jivalage Yevo Pandurange | Shinalo Bheti De Ge Ek Velaa
जननिये जिवलगे येवो पांडुरंगे । शिणलों भेटि दे गे एक वेळां ॥१॥
त्राहे त्राहे त्राहे कृपादृष्टीं पाहे । येऊनियां राहे ह्रदयामाजीं ॥२॥
वासनेच्या संगें शिणलें माझें चित्त । विषयाचे आघात पडती वरी ॥३॥
नाहीं तुझी सेवा केली मनोधर्में । संसार संभ्रमें भ्रांत सदा ॥४॥
नाहीं तुझें नाम गाईलें आवडी । वाळली कुर्वंडी त्रिविधतापें ॥५॥
नामा म्हणे आई धांवें लवलाही । बुडतों चिंताडोहीं तारी मज ॥६॥
Jananiye Jivalage Yevo Pandurange | Shinalo Bheti De Ge Ek Velaa ॥१॥ rahe Trahe Trahe Krupadrushti Paahe | Yevuniya rahe hrudaya maji ॥2॥ Vasanechya sange shinale maze chitt | Vishayache Aaghat Padali Vari ॥3॥ Nahi Tuzi Seva Keli Manodharme | Sansar sambhrame Bhrant Sada ॥4॥ Nahi Tuze Naam Gaile Aavadi | Vaalali Kurvandi Tividh Tape ॥5॥ Naama mhane Aai Dhave Lavalaahi | Budata Chinta Dohi Tari Maj ॥6॥
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