मुंगी उडाली आकाशी। तिने गिळिले सूर्याशी | Mungi Udali Aakashi | Tine Gilile Suryashi
मुंगी उडाली आकाशी। तिने गिळिले सूर्याशी ।।1।।
थारे नवलाव झाला। वांझे पुत्र प्रसवला।।2।।
विंचू पाताळाशी जाय। शेष माथा वंदी पाय ।।3।।
माशी व्याली घार झाली। देखुनी मुक्ताई हासली ।।4।।
Mungi Udali Aakashi | Tine Gilile Suryashi ॥१॥ Thare Navalaav Zala | Vanze Putra prasavala ॥2॥ Vinchu Patalashi Jay | Shesh Matha Vandi Paay॥3॥ Maashi Vyali Ghar Zali | Dekhuni Muktai Hasali ॥4॥
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