तुझी सेवा करीन मनोभावें वो । माझें मन गोविंदी रंगलें वो | Tuzi Seva Karin Manobhave| Maze man Govindi Rangale vo
तुझी सेवा करीन मनोभावें वो । माझें मन गोविंदी रंगलें वो ॥१॥
नवसिये नवसिये नवसिये वो । पंढरीचे दैवते विठ्ठले नवसिये वो ॥२॥
बापरखुमादेविवरे विठ्ठले वो । चित्त चैतन्य चोरुनि नेलें वो ॥३॥
Tuzi Seva Karin Manobhave| Maze man Govindi Rangale vo ॥१॥
Navasiye Navasiye Navasiye vo | Pandhariche Daivat Vithhale Navasiye Vo॥2॥
Baaprakhuma devivaru vitthale vo | Chhitt Chaitanya Choruni Nele Vo ॥3॥
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